जब उफनता है तूफ़ान कुछ पुरानी यादों का , जब उफनता है तूफ़ान कुछ पुरानी यादों का ,
बूंदों जैसे कुछ क्षण लेकर चली थीं सागर भर लाने को। बूंदों जैसे कुछ क्षण लेकर चली थीं सागर भर लाने को।
घर में घर में
मध्यांतर में मध्यांतर में
शीशे में शीशे में
क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों में याद उसकी सुख दुःख ... क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों मे...